DA NEW RATE : अभी के समय में बहुत ही ज्यादा चर्चा चल रहा है। कर्मचारियों की सैलरी को लेकर और पेंशनधारी के पेंशन को लेकर क्योंकि अभी बात चल रही है। कर्मचारियों के सैलरी बढ़ाने को और पेंशनधारी के पेंशन को बढ़ाने को लेकर काफी ज्यादा चर्चा चल रही है। लेकिन इसी बीच आप लोगों के लिए नहीं जानकारी निकलकर आ चुकी है। क्योंकि महंगाई भत्ते जल्दी बढ़ोतरी की जाएगी। तो चलिए। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि महंगाई भत्ते के बारे में।
आपको बता दें कि हर 6 महीने में महंगाई भत्ते में संशोधित किया जाता है। जिसके माध्यम से सरकारी कर्मचारियों का सैलरी है। वह बढ़ा दिया जाता है आपको बता दें। जनवरी 2024 में सरकार के द्वारा सरकारी भत्ते में कुल 4% की बढ़ोतरी की गई थी। जिससे कि अब 50% तक पहुंच गया है। इस बढ़ोतरी में पेंशनधारियों और कर्मचारियों को लेकर भी कई फायदे हुए हैं।
Da Latest News in Hindi (DA NEW RATE)
महंगाई भत्ते में केंद्र के सरकारी कर्मचारी का वेतन में काफी ज्यादा बदलाव और काफी बड़ा बदलाव हुआ है। आपको बता दें कि अगर कोई कर्मचारी वह केंद्र सरकार के अंदर काम करती है। और उसकी मूल वेतन 45700 है। और 46% DA के अनुसार उसे कर्मचारी का 21022 रुपए उसका कुल वेतन होता है। अभी के समय में सरकारी कर्मचारियों का DA बढ़ा दिया गया है। जिसमें कि अब सरकारी कर्मचारियों का DA में बढ़ोतरी हुई है।
जो की 50% हो गया है जिससे अब उनकी सैलरी 22850 रुपए हो गए हैं। सरकारी कर्मचारी की सैलरी में कुल 1828 का वृद्धि हुई है। इसके अलावा जैसे की बहुत सारे सरकारी कर्मचारी हैं जो कि वह पेंशन ले रहे हैं। तो उनके हाउस रेंट अलाउंस यानी की (HRA) और चिल्ड्रन एजुकेशन एलाउंस (CEA) और ट्रांसपोर्ट अलाउंस (TA) में 25% का बढ़ोतरी की गई है। जिसमें की सरकारी कर्मचारियों के लिए काफी ज्यादा बदलाव किया गया है यह बदलाव उनके महंगाई भत्ते मैं काफी ज्यादा बदलाव हुआ है।
मान लीजिए कि आपको चिल्ड्रन एजुकेशन एलाउंस में पहले के समय में 2812.50 रुपए प्रति महीने मिलते थे। लेकिन अभी इसको बढ़कर 3516.80 रुपए कर दिए गए हैं।
DA TA NEW RATE महंगाई भत्ते में वृद्धि का अन्य भत्तों पर असर
- HRA (हाउस रेंट अलाउंस): 25% तक की वृद्धि।
- CEA (चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस): 25% की बढ़ोतरी।
- स्पेशल अलाउंस फॉर चाइल्ड केयर: महिलाओं के लिए यह अलाउंस बढ़ा।
- होस्टल सब्सिडी: 25% वृद्धि।
- कर्मचारियों को वित्तीय राहत: जीवन स्तर में सुधार।